नई कृषि नीति 2020
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कृषि सुधार विधेयकों के मुद्दे पर विरोध झेल रही सरकार ने रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया है। एमएसपी जिन फसलों पर बढ़ाया गया है, उनमें गेहूं की फसल भी शामिल है। बता दें कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं काफी मात्रा में उगाया जाता है। अब जब कृषि सुधार विधेयक का विरोध भी सबसे ज्यादा इन्हीं दो राज्यों में हो रहा है तो गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर सरकार किसानों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास कर रही है।
सरकार ने गेहूं पर एमएसपी 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बढ़ाया है। जिसके बाद इस सीजन में गेहूं की प्रति क्विंटल कीमत 1975 रुपए होगी। इसी तरह सरकार ने सरसों पर 225 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोत्तरी की है। जिसके बाद सरसों का एमएसपी 4650 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा। चना और दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की गई है। जिसके तहत चना का एमएसपी 225 रुपए बढ़ाकर 5100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। दालों पर सरकार ने 300 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है और इस तरह एक क्विंटल दाल का एमएसपी 5100 रुपए होगा।
बता दें कि कृषि सुधार विधेयकों को लेकर देश के अलग अलग इलाकों में किसान इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। विरोध का सबसे बड़ा कारण भी एमएसपी है। दरअसल किसानों का आरोप है कि सरकार ने नए बिल में एमएसपी को शामिल नहीं किया है और इस पर स्पष्टता भी नहीं है। यही वजह है कि किसानों को एमएसपी व्यवस्था के खत्म होने का डर सता रहा है। हालांकि सरकार साफ कर चुकी है कि एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह ही लागू रहेंगी।
इस बिल में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रावधान है जहां किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फ़सल बेचने की आज़ादी होगी.
प्रावधानों में राज्य के अंदर और दो राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की बात कही गई है. मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टेशन पर ख़र्च कम करने की बात कही गई हैं.।।
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
इस बिल में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज़ आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का प्रावधान है.
माना जा रहा है कि विधेयक के प्रावधानों से किसानों को सही मूल्य मिल सकेगा क्योंकि बाज़ार में स्पर्धा बढ़ेगी.
क्यों हो रहा है विरोध?
किसान संगठनों का आरोप है कि नए क़ानून के लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूँजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और इसका नुक़सान किसानों को होगा.
कृषि मामलों के जानकार देवेंद्र शर्मा के मुताबिक़ किसानों की चिंता जायज़ है. बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, "किसानों को अगर बाज़ार में अच्छा दाम मिल ही रहा होता तो वो बाहर क्यों जाते."।
उनका कहना है कि जिन उत्पादों पर किसानों को एमएसपी नही मिलती, उन्हें वो कम दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं.
पंजाब में होने वाले गेहूँ और चावल का सबसे बड़ा हिस्सा या तो पैदा ही एफ़सीआई द्वारा किया जाता है, या फिर एफ़सीआई उसे ख़रीदता है. साल 2019-2020 के दौरान रबी के मार्केटिंग सीज़न में, केंद्र द्वारा ख़रीदे गए क़रीब 341 लाख मिट्रिक टन गेहूँ में से 130 लाख मिट्रिक टन गेहूँ की आपूर्ति पंजाब ने की थी.
प्रदर्शनकारियों को यह डर है कि एफ़सीआई अब राज्य की मंडियों से ख़रीद नहीं कर पाएगा, जिससे एजेंटों और आढ़तियों को क़रीब 2.5% के कमीशन का घाटा होगा. साथ ही राज्य भी अपना छह प्रतिशत कमीशन खो देगा, जो वो एजेंसी की ख़रीद पर लगाता आया है.
देवेंद्र कहते हैं कि इसका सबसे बड़ा नुक़सान आने वाले समय में ये होगा कि धीरे-धीरे मंडियां ख़त्म होने लगेंगी.
प्रदर्शनकारियों मानते हैं कि अध्यादेश जो किसानों को अपनी उपज खुले बाज़ार में बेचने की अनुमति देता है, वो क़रीब 20 लाख किसानों- ख़ासकर जाटों के लिए तो एक झटका है ही.
साथ ही मुख्य तौर पर शहरी कमीशन एजेंटों जिनकी संख्या तीस हज़ार बताई जाती है, उनके लिए और क़रीब तीन लाख मंडी मज़दूरों के साथ-साथ क़रीब 30 लाख भूमिहीन खेत मज़दूरों के लिए भी यह बड़ा झटका साबित होगा.
'किसान नहीं बाज़ार के लिए विधेयक'
दो राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के प्रावधान पर देवेंद्र कहते हैं, "86 प्रतिशत छोटे किसान एक ज़िले से दूसरे ज़िले में नहीं पाते, किसी दूसरे राज्य में जाने का सवाल ही नहीं उठता. ये बिल बाज़ार के लिए बना है, किसान के लिए नहीं"
बिल के मुताबिक़ इससे किसानों इससे नई तकनीक से जुड़ पाएंगे, पाँच एकड़ से कम ज़मीन वाले किसानों को कॉन्ट्रैकर्टस से फ़ायदा मिलेगा
हालांकि देवेंद्र कहते हैं कि इस प्रावधान से किसान "अपनी ही ज़मीन पर मज़दूर हो जाएगा"
आवश्यक वस्तु संशोधन बिल पर देवेंद्र कहते हैं कि इससे कालाबाज़ारी को बढ़ावा मिल सकता है. वो कहते हैं, "हमने जमाख़ोरी को वैधता दे दी है, इन चीज़ों पर अब कंट्रोल नहीं रहेगा.
- अगले भाग में फिर मुलाकात होगी नयी जानकारी के साथ तब तक के लिए जुड़े रहे सुरक्षित रहे , अपना ध्यान रखे धन्यवाद ।।
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