Organic compost - beneficial and easy method

 नमस्कार दोस्तों आप पढ़ रहे हे "my agriculture" blogs 

         Information source - google and wikipedia  

आज हम चर्चा करेंगे जैविक खाद के बारे में जो की फायदेमंद तो हे ही साथ ही में बहुत सस्ता भी हैं , इसके लिए ज्यादा कोई खर्च करने की जरूरत नही है न किसी महँगी सामग्री की जरूरत पड़ेगी । ये खाद आप घर पर आसानी से बना सकते है  ।

जैविक खाद (organic compost) बनाने के लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड, एक किलो चोकर एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करना चाहिए। इन पांच तत्वों को आपस में मिलाने के लिए हाथ से या किसी लकड़ी के डंडे की मदद लें। मिश्रण बन जाने के बाद इसमें एक से दो लिटर पानी डाल दें। अब इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिजिए।

जैविक खाद (organic compost) के फायदे 

  • मीथेन को कम करता है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है जो लैंडफिल से आती है।
  • रासायनिक उर्वरकों (chemical fertilizers) की आवश्यकता को कम या समाप्त करता है।
  • किसानों के लिए उच्च फसल की उपज को बढ़ावा देता है।
  • खराब गुणवत्ता वाली मिट्टी में सुधार करके जंगलों, वेटलैंड्स (wet lands)और हैबिटेट्स को रिस्टोर करने में मदद करता है।
  • हानिकारक कचरे से मिट्टी को दूषित होने से बचाने में मदद करता है।
  • मिट्टी की नमी के स्तर को बनाए रखने में मददगार, जिससे पानी की आवश्यकता कम हो जाती है।
  • वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करता है।
  • घर पर जैविक खाद कैसे बनाये ?
  •  खाद को चार अवयवों की आवश्यकता होती है:

    • हरे पदार्थ (नाइट्रोजन में उच्च)
    • भूरे पदार्थ (कार्बन में उच्च)
    • नमी (पानी)
    • ऑक्सीजन (हवा)

    नाइट्रोजन : ग्रीन पदार्थ में नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक पदार्थ शामिल हैं, जो खाद के लिए अमीनो एसिड और प्रोटीन प्रदान करता है। ग्रीन चीजों में शामिल हैं:

    • फल और सब्जी के टुकड़े, छिलके और बीज
    • गायों, भेड़ और बकरियों जैसे शाकाहारी जीवों से खाद
    • पका हुआ चावल
    • सब्जियों और फलों का बचा हुआ कचरा
    • अंडे का छिलका आदि।

    कार्बन : भूरे पदार्थ कार्बन युक्त होते हैं। जैसे-

    • सूखी पत्तियां
    • सूखी घास या भूसा
    • पेड़ की शाखाएं और टहनियां
    • कार्डबोर्ड
    • लकड़ी का पाउडर
    • फूलों की कतरन आदि।
    • जैविक खाद बनाने की विधि

      • एक बड़ा सा कंपोस्ट बिन (Compost Bin), मेटल कंटेनर या प्लास्टिक बिन लें। आप चाहें तो घर के बगीचे या बैकयार्ड में एक छोटा-सा गड्ढा (Compost Pit) खोद सकते हैं। फिर कंपोस्ट बिन के चारों ओर चार से पांच और बॉटम में कुछ छेद कर दें जिससे कि उसमें हवा लग सके।
      • कंटेनर के निचले भाग में थोड़ी-सी मिटटी डालें। उसके ऊपर एक भाग हरे पदार्थ और तीन भाग भूरे पदार्थ भरना शुरू करें। परतों में इस सामग्री को इस ही अनुपात में डालते जाएं।
      • जब कंपोस्ट बिन भर जाए तो उसे एक लकड़ी के फट्टे या प्लास्टिक के ढक्कन से ढक दें। ढकने से कंटेनर के अंदर नमी बनी रहती है।
      • सप्ताह में कम से कम एक बार कंपोस्ट मटेरियल (compost material) को चलाते रहें। अगर कंटेनर के अन्दर मिक्चर ज्यादा सूखा हुआ हो तो हाथों से हल्का-हल्का पानी का छिड़काव करके बिन को फिर से ढक दें।
      • जब कंपोस्ट मिक्चर मिट्टी की तरह दिखने वाले गहरे भूरे, सूखे, खुरदरे पदार्थ में बदल जाए तो समझ लिए ऑर्गेनिक खाद तैयार है। अब इसे आप बगीचे या यार्ड में उपयोग कर सकते हैं। 
      • अगले भाग में फिर मुलाकात होगी नयी जानकारी के साथ तब तक के लिए जुड़े रहे सुरक्षित रहे , अपना ध्यान रखे धन्यवाद ।।
      • organic compost

Comments

  1. रासायनिक खादों का त्याग कर जैविक कृषि की ओर लौटने का समय है।👌💐👌

    ReplyDelete
    Replies
    1. Ji bhaiya aur ye bahut use full bhi he chuki abhi logo ko iska knowledge ni he vrna iska bhi bhot acha bussiness he india me hmare pass bhari matra me mojud he isliye hume value ni pta jinke pass nhi he vo market se kharid kr late he bdi kimat pr

      Delete
  2. बिल्कुल जितेंद्र जी भाई साहब
    इसके लिये हमें लोगो को प्रेरित करना होगा
    उनको जेविक खाद के लाभ और लागत के बारे मे बताना होगा।

    ReplyDelete

Post a Comment

if you have any doubts, let me know

Popular posts from this blog

Indian farmers in bad condition

Importance of food and farmers

Who is responsible for farmer's death ?