Inter cropping and mixed cropping

   

नमस्कार दोस्तों आप पढ़ रहे हे "my agriculture" blogs  

 Information source- google and wikipedia  

जैसा कि पिछले भाग में जैविक खाद बनाना और उसके फायदे हमने पढ़े और सीखे आशा करता हु आप में से किसी ने तो जरूर कोशिश करी होगी इसे बनाने कि उस से सम्बंधित कोई भी प्रश्न आप मुझे comment section में पूछ सकते हे ।।
आज का हमारा विषय है " खेती "  
IndianAgriculture

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देश में अधिकतर जगहों पर एक क़िस्म की खेती हर सीज़न में करी जाती हैं , जिस से कभी फायदा कभी नुकसान भी उठाना पड़ता है लेकिन क्या आपको पता है उस खेती के अतिरिक्त भी दूसरी फसल से किसान लाभ अर्जित कर सकते हैं कैसे आइये जानते है इसके लिए ज्यादा कुछ खास करने की जरूरत है हमेशा कि खेती के साथ हम ये कर सकते हैं ।।

 1. पहला जो तरीका है वो हैं " intercropping " (अंंतर-फसल) ।

What is intercropping ? अंतर फसल क्या हैं ?

अंतर फसल से अभिप्राय है कि खेत की उस जगह को भी उपयोग में लेना जो काम में नहीं आ रही हो और जहा मुख्य फसल की उपज में परेशानी नही आये जैसे कि खेत के चारो और की मेड या खेत की क्यारियां एवं अतिरिक्त रिक्त स्थान वहा हम दूसरी फसल लगा कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते है जैसे - प्याज , लहसुन , अदरक , फूल , गन्ना , मक्का इत्यादि 

What is mixed cropping ? मिश्रित फसल क्या है ? 

 मिश्रित फसल का अर्थ है एक ही जमीन या खेत में 2 या उस से अधिक किस्म की फसल उत्पादन करना जिस से अधिक उपज और अच्छी लागत प्रदान की जा सके ।
इस खेती में करना ऐसा होता है कि आप एक ही खेत में उस session कि 2 या उस से अधिक फसलो की बुवाई करे और बुवाई भी ऐसे करे कि दूसरी फसल पहली फसल काटने के बाद पक कर तैयार होवे उस से फसल की कटाई में दिक्कत का सामना ना करना पड़े ।
इस खेती से ये फायदा होता है कि अगर आपकी एक फसल को वातावरण से आवश्यक तत्व या परिस्तिथियाँ नही मिले और वो खराब हो जाये तो दूसरी फसल नुकसान की भरपाई कर सके ।।
 आप इस खेती के लिए session के अनुसार फसलो का चयन कर सकते हैं ।।

आगे की जानकारी के लिए जुड़े रहिये , सुरक्षित रहे अपना ध्यान रखें एवं share जरूर करे 

धन्यवाद ।।


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