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Showing posts from September, 2020

नई कृषि नीति 2020

   नमस्कार दोस्तों आप पढ़ रहे हे " my agriculture " blogs           Information source -  google  and  wikipedia    आज बात करेंगे नई किसान नीति कि क्या है खास आइये जानते है -  कृषि सुधार विधेयकों के मुद्दे पर विरोध झेल रही सरकार ने रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया है। एमएसपी जिन फसलों पर बढ़ाया गया है, उनमें गेहूं की फसल भी शामिल है। बता दें कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं काफी मात्रा में उगाया जाता है। अब जब कृषि सुधार विधेयक का विरोध भी सबसे ज्यादा इन्हीं दो राज्यों में हो रहा है तो गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर सरकार किसानों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास कर रही है। सरकार ने गेहूं पर एमएसपी 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बढ़ाया है। जिसके बाद इस सीजन में गेहूं की प्रति क्विंटल कीमत 1975 रुपए होगी। इसी तरह सरकार ने सरसों पर 225 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोत्तरी की है। जिसके बाद सरसों का एमएसपी 4650 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा। चना और दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी वृद...

Organic compost - beneficial and easy method

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 नमस्कार दोस्तों आप पढ़ रहे हे " my agriculture " blogs           Information source - google and wikipedia    आज हम चर्चा करेंगे जैविक खाद के बारे में जो की फायदेमंद तो हे ही साथ ही में बहुत सस्ता भी हैं , इसके लिए ज्यादा कोई खर्च करने की जरूरत नही है न किसी महँगी सामग्री की जरूरत पड़ेगी । ये खाद आप घर पर आसानी से बना सकते है  । जैविक खाद ( organic compost ) बनाने   के लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड, एक किलो चोकर एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करना चाहिए। इन पांच तत्वों को आपस में मिलाने के लिए हाथ से या किसी लकड़ी के डंडे की मदद लें। मिश्रण बन जाने के बाद इसमें एक से दो लिटर पानी डाल दें। अब इसे 20 दिनों तक ढक कर रख दिजिए। जैविक खाद ( organic compost ) के फायदे  मीथेन को कम करता है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है जो लैंडफिल से आती है। रासायनिक उर्वरकों ( chemical fertilizers ) की आवश्यकता को कम या समाप्त करता है। किसानों के लिए उच्च फसल की उपज को बढ़ावा देता है। खराब गुणवत्ता वाली मिट्टी में सुधार करके जंगलों, वेटलैं...

Importance of food and farmers

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 नमस्कार दोस्तों ,  आप पढ़ रहे हो "my agriculture" blogs  Information source - google , wikipedia . जैसा की आप सब ने मेरे पिछले blogs में पढ़ा होगा की कैसे किसान bank आदि से परेशान होकर साहूकारों से किसी भी ऊँची दर पर धन राशी ले लेते है तथा बाद में खेती में नुकसान होने पर उसे वापस नही चूका पाते और आखिर में बोझ तले दब कर आत्महत्या करने को विवश हो जाते हे । क्योंकि इस देश में छोटे छोटे योगदान को कोई महत्व नही दिया जाता है , यहाँ हर कोई यही कहेगा कि रोज ही मरते हे किसान तो हम क्या करे हमारे भी घर हे परिवार हैं  क्यूँ होता है ऐसा ? क्यूँ किसान उन पैसो से अच्छी लागत प्राप्त नही कर पाते है चलिये कुछ कारणों पर चर्चा करें - वर्तमान समय में कृषि ने अपनी तकनीक में काफी इजाफा कर लिया है लेकिन 95% किसानों को इन सबका ज्ञान ही नही है , वे सब अभी भी पुराने तरीको से कृषि कर रहे है , जिस से उनको ज्यादा लाभ प्राप्त नही हो पा रहा है  ● चूँकि पहले के समय में किसी खेत में फसल काटने के बाद उसे 1 साल तक छोड़ देते है जिससे तातपर्य है कि वो खेत या भूमि फिर से तैयार हो जाये । ● पहले के समय ...

किसान हमारे पालनहार

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 नमस्कार दोस्तों आप पढ़ रहे हे "my agriculture" blogs  Information source - google , wikipedia.   नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट को बताया की 2013 के बाद हर साल देश में 12000 से अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इससे पता चलता है की हालत कितनी गम्भीर है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है की देश में प्रति किसान पर औसतन 47000 रूपए का कर्ज है। देश में आत्महत्या करने वाले किसानो का 70% ऐसे किसान हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है। साफ़ है कि गरीब किसान ऐसा निराशाजनक कदम उठाते हैं। आज हालत ऐसी है कि किसान मुश्किल से अपने परिवार का खर्च उठा पा रहे है। बच्चो की पढाई, बेटियों की शादी व दूसरे काम मुश्किल से कर पा रहे हैं। 1990 के बाद से भारत में किसानो की आत्महत्या की घटनाये बहुत तेजी से बढ़ गयी है। किसानो की बढ़ती दुर्दशा के कारण 2017 मे उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने 36359 करोड़ की कर्जमाफी की। 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने किसानो का कर्ज माफ़ किया है।  जैसा कि हम जानते है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की एक बड़ी आबादी कृषि का काम करती है। भारत की कृषि मुख्यरू...

Indian farmers in bad condition

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 नमस्कार दोस्तों,  आप पढ़ रहे हे "my agriculture" blogs  Note - मेरा मकसद किसी भी राजनीतिक दल या उसके सदस्य की बुराई करना नही है में जो सच है उस से आप सब को अवगत करवाना चाहता हु । क्षमा प्रार्थी ।।  किसान प्रकृति की मार को जैसे तैसे झेल जाता है लेकिन हमारी दोहरी आर्थिक नीतियां उनका मनोबल तोड़ कर रख देती हैं । नगला उपटेला गांव. ज़िला- भरतपुर, राजस्थान. किसान सुरेश कुमार को फांसी के फंदे पर झूले छः महीने हो चुके हैं, लेकिन उनके परिजन आज तक उस सदमे से नहीं उभर पाए हैं. सुरेश कुमार के पड़ोसी बताते हैं कि बीते कुछ साल से उनकी फसल अच्छी नहीं हुई थी. और जो हुई उसके भी वाजिब दाम नहीं मिल पाए. इस दौरान सुरेश कुमार पर कर्ज़ बढ़ता चला गया. सुरेश कुमार के परिजनों के मुताबिक इस साल उन्हें अच्छी फसल की उम्मीद थी. लेकिन बेमौसम हुई ओलावृष्टि ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. वे इस आघात को झेल नहीं पाए और बीती 15 मार्च को उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली. उस हफ़्ते आत्महत्या करने वाले सुरेश कुमार भरतपुर के  तीसरे  किसान थे.   इससे पहले फरवरी महीने में राजस्थान के ही ग...

Who is responsible for farmer's death ?

 नमस्कार दोस्तों ,  आप पढ़ रहे हे "my agriculture" blogs  तो जैसा की पिछले 2 भाग में किसानों की आत्महत्या की बात मेने आपसे साजा करि थी उसी को लेकर आगे बढ़ता हु में ;  किसान साहूकारों से उधर लेकर इस क्या करता हे ? जिस से वो क़र्ज़ नही चूका पाता है , और अंत में खुद को खत्म कर लेता है । उदाहरण से में आपको समजाता जिस से आपको अछे से समज आएगी मेरी बात - किसान वो पैसे लेकर खुशि खुशि बाजार से बीज लेकर आता है फिर एक नयी सुबह वो उस खेत को प्रणाम करके उस उगते सूरज को प्रणाम करके उन बीजो को खेत में बो देता है , अब सुरु होती है एक कहानी वो उन बीजो को अपने पुत्र समान देखभाल करता है उन्हें बारी बारी से पानी देता है समय समय पर निराई गुड़ाई उसमे खाद देना दवाई देना सब कुछ वो अच्छे से करता है अब उसकी सब्जियां काट कर बेचने की बारी आती है , नित्य रोज पूरा परिवार सब्जियां काट कर उन्हें बांध कर सुबह मंडी बेचने लाते हे जहा उनकी सब्जियां खरीदी जाती है 1-2 rs किलो ( अगर वो किसान प्रतिदिन 100 kg सब्जियां तोड़ कर मंडी में बेचता है तो उसे मिलते है 200 rs ) जो की उसका मेहनताना भी नही होता है , फिर भी व...

Farmer condition in india

  नमस्कार दोस्तों ,  आप पढ़ रहे हे "my agriculture" blogs  ज्यादातर किसानों की हालत भयानक है। भारत में लगभग 80% किसान सीमांत (1 हेक्टेयर से कम) या छोटे किसान (1–2 हेक्टेयर) श्रेणी के हैं। कृषि लगभग 60% रोजगार का समर्थन करती है लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में केवल 17% का योगदान करती है। हर दिन, देश के विभिन्न हिस्सों से भारतीय किसानों की आत्महत्या की खबरें आती हैं क्यों होता है ये सब कभी किसी ने सोचा है ? या कभी जानने की कोशिश करी हे । एक आखो देखा हाल सुनाना चाहुगा आप सबको " एक दिन किसी काम से में स्थानीय bank गया था वहाँ अच्छी खासी लंबी लाइन लगी हुई थी तो में भी अपनी लाइन में जाकर खड़ा हो गया तब वह एक बुजुर्ग आये उन्हें पैसे निकलवाने थे तो वो उस कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतेजार करने लगे , करीब 40 min बाद उनका नंबर आया वहा बैठे cashier ने उनसे पूछा बाबा क्या चाहिए तो वो बोले " पैसे" कहा कितने ? जवाब दिया 2000 । तो उसने मना कर दिया की ई-मित्र से लेलो उन बुजुर्ग ने बहोत कहा लेकिन साहब नही माने आखिर में निराश होकर लोट गये वो ! और मेरी तरह वहा मौजूद हर कोई इस वाकये ...

Farmer suicide in india

 नमस्कार दोस्तों , आप पढ़ रहे हे "my agriculture " blog .  आज जो हम बात करने जा रहे हे वो हे india में किसान द्वारा आत्महत्या करना । एक survey के हिसाब में भारत में हर रोज 45 किसान आत्महत्या करते हे , अलग अलग कारणों से इन सबका जिमेदार कोन हे ? आप ? में? या भारत सरकार ?  हर कोई इन बातों से बचना चाहता है , आज जब देश में किसी राजनेता , अभिनेता या अन्य किसी भी बड़ी हस्ती का निधन होता है तो देश में शोक मनाया जाता है , लेकिन जब कोई किसान आत्महत्या करता है तब कोई उसके बारे में बात नही करना चाहता !  में आपके सामने कुछ आंकड़े रखता हूं जो आपको google पर आसानी से search option में मिल जायेंगे , एक सर्वे के अनुसार साल 2016 में किसानों द्वारा आत्महत्या के मामले 11,379 तथा साल 2018 में ये आंकड़ा 10,349 था ।  कई लोगो को ये तक नही पता की किसान आत्महत्या क्यों करते हे !  एक छोटी सी आखो देखी घटना में अगले भाग में आप सबसे साजा करुगा । उसके बाद इस बारे में आगे कुछ और नए आकड़ो के साथ दुबारा मुलाकात होगी तब तक के लिए अपना ध्यान रखे सुरक्षित रहे ।  धन्यवाद् 

Condition of indian agriculture

 Hello guys ,  One of the main economic issues facing India is the condition of the agriculture. Being the source of livelihood for over 55 percent Indians, agricultural sector is an important element in our economy. Still, this sector is not as evolved as it should be and faces a lot of challenges resulting in low productivity. In India, around 43 percent of the land is used for agricultural purposes; however, contributes only 18 percent to country’s GDP. The poor state of agriculture in India is a point of concern for its entire population. The farmers in rural India suffer greatly from illiteracy and poverty; hence, there is a lack of good continuous services. To help farmers with state-of-the-art agrochemicals and offer sound farming advice, HPM India, has an array of services. They are one of the leading chemical fertilizers suppliers around the world and manufactures effective chemical to enhance agricultural produce. Clodinafop-propargyl 15% WP, also known as CLODINO SU...